बिहार के पटना जिले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि मामले में सीआरपीसी की धारा 313 के तहत बयान दर्ज कराने के लिए 12 अप्रैल को पेश होने का निर्देश दिया। एमपी मोदी ने 2019 में गांधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (मानहानि) की धारा 500 के तहत आपराधिक शिकायत दर्ज की (सीनियर एडवोकेट संजय सत्यदर्शी के माध्यम से) अप्रैल में करोल में राजनीतिक अभियान के दौरान उनकी कथित टिप्पणी “सभी चोर मोदी उपनाम क्यों साझा करते हैं।” यह उनका मामला है कि यह ‘मोदी’ सरनेम वाले लोगों को लक्षित करने वाली अपमानजनक टिप्पणी थी।
गांधी को मामले में वर्ष 2019 में जमानत मिली है। गौरतलब है कि 23 मार्च को गुजरात के सूरत में अदालत ने गांधी को इसी तरह के बयान को लेकर दायर मानहानि के मामले में दोषी ठहराया, जिसके बाद उन्हें लोकसभा के सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया। सुशील मोदी की ओर से कई गवाह पहले ही अदालत में पेश हो चुके हैं और बिहार सरकार में तत्कालीन पथ निर्माण मंत्री नितिन नबीन, भाजयुमो बिहार के अध्यक्ष मनीष कुमार, सीनियर एडवोकेट एसडी संजय, सीनियर एडवोकेट सुबोध झा, सीनियर एडवोकेट अर्जुन कुमार और एडवोकेट रत्नेश कुमार सहित अपने बयान दर्ज करा चुके हैं। अब गांधी को स्वयं अपने बयान दर्ज करने के लिए अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया गया।